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पुष्कर भाजपा सुरेश सिंह रावत
देखिये पुष्कर भाजपा सुरेश सिंह रावत ने कैसे गॉव गॉव काट पहुंचाया बीसलपुर का पानी
Kishangarh Suresh Tak
किशनगढ़ सीट पर निर्दलीय सुरेश टाक की मजबूत स्थिति को देख चुनावी पंडित जी चकरा रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस को पीछे छोड़कर काफी आगे निकले टाक को सर्व समाज का समर्थन मिलना चौंकाने वाला है ।
टाक भी किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते थे । इसलिए पहले उन्होंने भाजपा से त्यागपत्र दिया। उसके बाद नामांकन भरा। मार्बल एसोसिएशन के अध्यक्ष पद से भी इस्तीफा इसलिए किया ताकि कोई उंगली नहीं उठा सके । मतलब एसोसिएशन में सभी पार्टी के समर्थक सदस्य हैं ऐसे में नैतिकता के आधार पर अध्यक्ष पद से त्यागपत्र देकर टाक ने अपनी साख में और बढ़ोतरी कर ली।
वैसे टाक का राजनीतिक, सामाजिक, व्यवसायिक, औद्योगिक क्षेत्र में किसी तरह का कोई विवाद नहीं रहा ।
किशनगढ़ सीट की मौजूदा चुनावी तस्वीर में मुख्य मुकाबला दोनों निर्दलीय में दिख रहा है। कांग्रेस में देहात जिला अध्यक्ष रह चुके नाथूराम सिनोदिया की संगठन में पकड़ होने से अधिकतर पार्टी नेता व कार्यकर्ता उनके साथ जुड़े हुए हैं ।
जाट मतदाताओं का बड़ा तबका भी सिनोदिया के पक्ष में खड़ा है। ऐसे में कांग्रेस प्रत्याशी थाकण कुछ लोगों के बीच ही सिमट कर रह गए हैं । निर्दलीय टाक को किशनगढ़ नगर पालिका क्षेत्र से जबरदस्त समर्थन मिल रहा है। अब तो ग्रामीण क्षेत्र में भी पकड़ मजबूत हो गई है । टाक ने अब ग्राम पंचायतों को चिन्हित कर रणनीति पर अमल करना शुरू कर दिया है ।
वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रत्याशी विकास चौधरी का प्रचार तो ठीक है । लेकिन उनके पक्ष में कितने वोट पड़ेंगे यह भविष्य के गर्त में है। वैसे किशनगढ़ सीट पर मुकाबला काफी रोचक बन गया है फिलहाल सुरेश टाक की स्थिति मजबूत मानी जा रही है ।जानकारों की मानें तो टाक को साइलेंट वोट काफी मिलेंगे ।दलित व मुस्लिम वोटों में भी टाक के रणनीतिकारों ने तोड़फोड़ शुरू कर दी है।
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